28/3/11

विनोद कुमार शुक्ल - 2 रचनात्मकता का स्फुरण


1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

अपराजितजी,

आपका विडियो देख मेरी बहुत इच्छा हो रही है की मैं विनोदजी से एक बार मिल लूँ। वैसे तो उनके काम ने मेरा काफी साथ दिया है पर यह विडियो देखने के बाद मुझे लग रहा है की मुझे उनसे एक बार मिल ही लेना चहिये।

क्या यह संभव है?

प्रिया

LinkWithin

Related Posts with Thumbnails