लाओत्ज़ू के अनुसार ताओ ( धर्म या ऋत ) वो यात्रा है जिसमें अनुकरण या अनुसरण संभव नही इसलिये प्रस्तुत सामग्री को लाओत्ज़ू की किताब ताओ तेह चिंग का अनुवाद नही बल्कि अनुनाद कहना ज़्यादा बेहतर होगा .मेरे शब्दों की पतंग की तरंग ताओ के आकाश की विराटता औरगहराई को रेखांकित करने का तुतलाता प्रयास है .
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